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एक भारतीय उनसे पूछा कि बिहार के पप्पू यादव, जो कि एक जनसेवक है, लोगों के अंदर अच्छी छवि उनकी बनी है क्योंकि वह कोरोना से लेकर बाढ़ के में पानी भर के कमर भर पानी में उन्होंने जाकर लोगों की मदद की। एक अच्छा खासा वोट बैंक है। उनके पास भले उनकी सीटें नहीं आती है लेकिन लोग उन्हें वोट तो दे रहे हैं। जाप को बिहार से इंडिया लाइन्स में क्यों नहीं लिया गया?
उन राष्ट्रीय प्रवक्ता के पास इसका जवाब नहीं था। उसके बाद एक भारतीय पूछा कि ठीक है बहन मायावती के साथ क्या दिक्कत है या मुझे आप बता दीजिए की आप की INDIA Alliance में ऐसा कौन सा चेहरा है जो दलितों का वोट आपको लाके दे देगा, वो भी कश्मीर से लेके कन्याकुमारी तक? तो उन्होंने बताया कि हमारे पास हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष में खुलकर बोल रहा हूँ। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे जी का नाम लिया।
मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि क्या खड़गे जी जो खुद दलित समाज से आते है, बहुत वरीष्ठ नेता हैं, उनका बहुत सम्मान है लेकिन मैं व्यक्तिगत तौर पर यह जानता हूँ कि उनके अंदर वो ताकत नहीं है जो दूसरे राज्यों में जाकर वहाँ पर दलितों का वोट उनको दिला सके। अगर ऐसा होता तो उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को कितने दलित वोटों दिला पाए हैं?
उसके बाद एक भारतीय पूछा कि क्या आपके पास मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व है तो उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़े शायर हैं जो इस समय राज्यसभा के सदस्य हैं। वो हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष वो पूरे देश में जाकर मुसलमानों को एकजुट कर कर वोट दिलाएंगे । एक भारतीय बोला भैया सुनो ये मुशायरा नहीं हो रहा हैं, शायरी की महफिल जमानी है, वोट दिलाना है। जो इंसान खुद अपनी लोकसभा चुनाव में 5,00,000 से ज्यादा वोटों से हारा वो भी उसी पार्टी से जिससे वो आज राज्यसभा है। कांग्रेस के सिंबल पर मुरादाबाद जैसी सीट जहाँ पर बहुत अंक जो आबादी है वो मुसलमानों की है। अपने मुस्लिम कम्युनिटी के अंदर 5,00,000 वोटों से शर्मनाक हारने वाला इंसान आपको महाराष्ट्र में कर्नाटक में आंध्र प्रदेश में उत्तर प्रदेश में जाकर मुसलमानों का वोट दिला देगा।
मैं बोला देखो कुत्ता पालो बिल्ली पालो पर यह गलतफहमी मत पालो कि वह इंसान मुसलमानों का प्रतिनिधित्व है, मुस्लिम कम्युनिटी से आता है, बहुत सम्मान है, अच्छे शायर है, अच्छा मुशायरा जमा लेते हैं, महफिल जमा लेते हैं। लेकिन उनकी इतनी औकात नहीं है की वो मुसलमानों का वोट दिला सके।
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